दिल्ली विधानसभा में आज नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट पेश की गई, जिसमें दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कई महत्वपूर्ण खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट में स्वास्थ्य सेवाओं की कार्यप्रणाली, सरकारी अस्पतालों की स्थिति और वित्तीय अनियमितताओं पर विशेष ध्यान दिया गया है।
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CAG रिपोर्ट के मुख्य बिंदु:
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सरकारी अस्पतालों की खराब स्थिति 🏥
- रिपोर्ट में बताया गया है कि कई सरकारी अस्पतालों में जरूरी उपकरणों की कमी है।
- दवाइयों और बेड की पर्याप्त उपलब्धता नहीं होने की वजह से मरीजों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
2. फंडिंग और खर्च में अनियमितता 💰
- रिपोर्ट के अनुसार, 2022-24 के बीच सरकार ने स्वास्थ्य योजनाओं के लिए हजारों करोड़ रुपए का बजट जारी किया, लेकिन उसका पूरा उपयोग नहीं हुआ।
- कुछ योजनाओं में बजट का दुरुपयोग भी पाया गया है।
3. मोहल्ला क्लीनिक की स्थिति पर सवाल 🏠🏥
- दिल्ली सरकार के सबसे चर्चित ‘मोहल्ला क्लीनिक’ प्रोजेक्ट को लेकर भी रिपोर्ट में कई खामियां सामने आई हैं।
- कई मोहल्ला क्लीनिकों में डॉक्टर और स्टाफ की कमी पाई गई।
- दवाइयों की आपूर्ति में देरी और बुनियादी सुविधाओं की कमी भी उजागर हुई है।
4. एंबुलेंस और आपातकालीन सेवाओं की खामियां 🚑
- दिल्ली में 108 इमरजेंसी एंबुलेंस सेवा को लेकर रिपोर्ट में गंभीर सवाल उठाए गए हैं।
- मरीजों को समय पर एंबुलेंस नहीं मिलने की शिकायतें बढ़ी हैं।
- आपातकालीन सेवाओं में कोऑर्डिनेशन की कमी के कारण कई मामलों में देरी हुई।
सरकार और विपक्ष की प्रतिक्रिया 🤔
- दिल्ली सरकार ने CAG की रिपोर्ट को “एकतरफा और भ्रामक” बताते हुए कहा कि उनकी स्वास्थ्य योजनाओं ने लाखों लोगों को फायदा पहुंचाया है।
- विपक्ष का आरोप है कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने स्वास्थ्य सेवा में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया है और इसका जवाब देना चाहिए।
- रिपोर्ट पर बहस के बाद आगे की कार्रवाई तय होगी।
जनता की प्रतिक्रिया 📢
दिल्ली के लोगों ने सोशल मीडिया पर इस रिपोर्ट पर अपनी राय दी है:
📌 “सरकारी अस्पतालों में सुधार की जरूरत है, CAG रिपोर्ट सही कह रही है!”
📌 “मोहल्ला क्लीनिक में दवाइयों की कमी होती है, सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।”
📌 “सरकार और विपक्ष आरोप-प्रत्यारोप में लगे हैं, पर आम जनता को इससे क्या फायदा?”