खाटू श्याम जी ने कैसे बचाई एक भक्त की जान

खाटू नगरी, जहाँ हर भक्त का दुख बाबा श्याम पल भर में हर लेते हैं, वहाँ एक ऐसा चमत्कार हुआ जिसे सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। यह कहानी है सुरेश नाम के एक युवक की, जो पहली बार खाटू श्याम जी के दर्शन करने आया था।
सुरेश की खाटू यात्रा ( खाटू श्याम जी ने कैसे बचाई एक भक्त की जान )
सुरेश जयपुर के पास एक छोटे से गाँव का रहने वाला था। वह लंबे समय से जीवन में परेशान था — अजीब-अजीब घटनाएँ, बुरे सपने और लगातार बीमार रहना उसकी ज़िंदगी का हिस्सा बन चुके थे। गाँव के बड़े-बुज़ुर्गों ने उसे सलाह दी कि वह खाटू श्याम जी के दर्शन करे, शायद उसकी परेशानियाँ दूर हो जाएँ।
आखिरकार, एक दिन सुरेश ने हिम्मत जुटाई और खाटू धाम के लिए निकल पड़ा।
खाटू में अजीब घटनाएँ
जैसे ही सुरेश खाटू पहुंचा, उसे कुछ अजीब अनुभव होने लगे। वह मंदिर के आसपास घूम रहा था तभी उसे महसूस हुआ कि कोई अदृश्य शक्ति उसके पीछे-पीछे चल रही है। सुरेश ने इसे अनदेखा किया और बाबा के दरबार में माथा टेकने चला गया।
लेकिन जैसे ही वह गर्भगृह के पास पहुँचा, उसकी हालत अचानक बिगड़ने लगी। वह जोर-जोर से चिल्लाने लगा, उसकी आँखें पलट गईं और शरीर अकड़ने लगा। भीड़ में अफरा-तफरी मच गई।
बाबा श्याम का चमत्कार
तभी मंदिर के पुजारी और कुछ सेवक दौड़कर आए। उन्होंने तुरंत सुरेश को बाबा श्याम के चरणों में लिटा दिया और श्याम का पवित्र जल (चरणामृत) उसके सिर पर छिड़का।
उस समय वहाँ एक अद्भुत नजारा देखने को मिला — ऐसा लगा जैसे बाबा खुद वहाँ उपस्थित होकर सुरेश के सिर पर हाथ फेर रहे हों। सुरेश का शरीर धीरे-धीरे शांत होने लगा। उसके मुँह से जो डरावनी आवाजें आ रही थीं, वह भी बंद हो गईं।
कुछ ही देर में सुरेश को होश आ गया। उसकी आँखों से आँसू बह रहे थे। उसने कहा,
“जब मैं बेहोश था, तब मैंने सपने में देखा कि एक सुंदर राजदुलारे रूप में बाबा श्याम मेरे सामने आए और उन्होंने कहा — बेटा, डर मत, मैं तेरे साथ हूँ। तुझे अब कोई नहीं छू सकता।”
उसके बाद का जीवन
उस दिन के बाद से सुरेश की सारी परेशानियाँ खत्म हो गईं। वह पूरी तरह स्वस्थ हो गया और आज भी वह हर साल फाल्गुन मेले में बाबा श्याम का धन्यवाद करने आता है। सुरेश का कहना है कि अगर बाबा श्याम ने उस दिन उसका हाथ न पकड़ा होता, तो शायद वह ज़िंदा न होता।
सीख
यह घटना हमें याद दिलाती है कि अगर सच्चे मन से शरण ली जाए, तो खाटू श्याम जी अपने भक्त की रक्षा हर हाल में करते हैं। चाहे कितनी भी बड़ी मुसीबत हो, बाबा श्याम अपने भक्तों को कभी अकेला नहीं छोड़ते।

